Sodium iron battery: जिस lithium के भंडार पर इतना इतरा रहा था चीन, जिस lithium को लेकर america बना हुआ था अमीर देश, जिस lithium को दुनिया मान रही थी अब तक भविष्य का खजाना उस lithium को भारत ने एक ही झटके में कर डाला बेकार भारत ने इजाद कर डाली एसी technique, lithium की उपयोगिता ही कर डाली खत्म। दोस्तों कहा जाता है कि आने वाला वक्त lithium का होगा क्योंकि भविष्य में rechargeable batteries का चलन काफी बढ़ जाएगा और lithium ही वो चीज़ है जिससे ये बैटरी बनती है। हाल ही में भारत ने (उनसठ) 59 लाख टन lithium को खोजा है । जिसके बाद America और चीन तो tension में है कि भारत तो lithium के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर आ गया।
लेकिन दोस्तों भारत ने अचानक कुछ ऐसा किया कि सारे देशों की यह lithium को लेकर रेस ही खत्म हो गई । पूरा का पूरा जो lithium था वो ही बेकार हो गया. भारत की एक टेक्नोलॉजी जो america चीन का lithium अब बेकार पड़ने वाला है, क्योंकि इस मामले में भारत की एक खोज ने दुनिया में तहलका मचा दिया है।
दोस्तों, आज हम भारत की उस क्रांतिकारी खोज को बताने जा रहे है, और आप को ये भी बताएंगे कि कहा कहा lithium मिलता है, तो इस पोस्ट को आखिर तक पूरा पढ़े ।
भारत ने lithium की जगह sodium का इस्तेमाल कर battery बनाई
![Sodium iron battery](https://hindinewsupdate.in/wp-content/uploads/2024/01/Add-a-heading-jpg.webp)
तो दोस्तों भारत के वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसा तैयार कर लिया है जो भारत को green energy का बादशाह बना देगा। दोस्तों भारत ने यह technique का ऐसा तिलस्म तैयार किया है जिसे देखने के बाद पूरी दुनिया हैरान हो चुकी है। इससे ना केवल प्रदूषण की समस्या दूर हो जाएगी बल्कि भारत को battery तैयार करने के लिए lithium की ज़रूरत तक नहीं पड़ेगी । यानी भारत ने एक झटके में ही दुनियाभर भर के lithium भंडारों को बेकार कर दिया है। यह बात तो आप भी जानते हैं कि आज जो दुनियाभर के lithium भंडारों पर चीन और America का क़ब्ज़ा है। जिन देशों में lithium के सबसे ज़्यादा भंडार पाए जाते हैं जैसे कि Chili (चिली), Bolivia (बोलिविया) और Argentina (अर्जेंटीना), उन देशों को चीन और America ने अपने कर्ज के जाल में फांस रखा है। America और चीन वहां पर मन मारे तरीके से lithium का उत्पादन करते है। और दाम भी घटाते बढ़ाते रहते हैं। जिस वजह से महंगाई का सामना पूरी दुनिया को करना पड़ता है। दोस्तों lithium को बहुमूल्य खनिज श्रेणी में रखा गया खासतौर पर इसका इस्तेमाल mobile, laptop और electronic वाहनों की battery बनाने में किया जाता है। यही कारण है कि lithium की अहमियत लगातार बढ़ती जा रही है।
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लेकिन अब भारत के वैज्ञानिकों ने ऐसी technique को develope कर लिया है जिस technique का इस्तेमाल करते हुए अगर battery बनाई जाए तो lithium की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। इसलिए अब अंदाज़ा लगा लीजिए कि भारत की यह खोज कितनी क्रांतिकारी साबित हो सकती है। दरअसल दोस्तों, यह DRDO के द्वारा एक contest आयोजित किया गया था जिसका नाम था Dare To Dream Contest, इस contest में जिस company को पहला स्थान प्राप्त हुआ है उसी ने battery बनाने की ऐसी technique पेश की जिसमें lithium का इस्तेमाल होगा ही नहीं। इस technique में lithium के स्थान पर sodium का इस्तेमाल करते हुए batteryयां तैयार की जाएंगी।
sodium iron battery की खूबियां
जैसा की आप सभी को पता ही होगा कि सभी देश यही सोच रहे है। की कैसे global warming को रोका जा सके घटाया जा सके। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो जल्द ही धरती से जीवन का ही अंत हो जाएगा। Global warning का सबसे प्रमुख कारण है प्रदूषण और प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है fossil fuel यानी कि diesel petrol। अगर global warming को रोकना है तो diesel petrol पर निर्भरता को कम करना होगा और ऊर्जा के नए विकल्प तलाशने होंगे और उसको store करने का विकल्प भी ढूंढना होगा। यही कारण है कि energy को store करने की industry लगातार बड़ी होती जा रही है क्योंकि दुनिया के ज़्यादातर तेज fossil fuel से greener की तरफ रुक कर चुके हैं यानी वाले समय में diesel petrol पर निर्भरता लगभग खत्म ही हो जाएगी ।
दुनिया green energy की तरफ move कर रही है batteryयों की demand भी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर भारतीय वैज्ञानिक इस technique को सफलतापूर्वक विकसित कर लेते हैं यकीन मानिए आने वाले समय में भारत पूरे auto mobile industry का king वन जाएगा क्योंकि एक तरफ जहां पूरी दुनिया में lithium को लेकर मरामारी चल रही होगी वहीं भारत sodium का इस्तेमाल करते हुए सस्ती से सस्ती battery तैयार कर रहा होगा।
दरअसल दोस्तों 4 October 2021 DRDO ने Dare To Dream Contest आयोजित किया था। इस contest में पूरे देश के युवाओं को खासतौर पर innovative startups को बुलाया गया। इनमें से एक startup company जिसका नाम था ND energy tied उनके द्वारा sodium I l से बनी battery को प्रदर्शित किया गया। इस battery में lithium की जगह sodium का इस्तेमाल किया गया था जो पूरी तरह से bio waste पर आधारित थी। जिसको बनाने में lithium, cobalt और nickel का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया गया था। DRDO को उनका ये idea काफी पसंद आया और इस company को first price भी दिया गया।
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दोस्तों, चलिए जानते हैं sodium iron battery के बारे में और देखते हैं किस तरह से भविष्य में लिथियम आयन battery को ये replace कर देगी
ये प्रयोग सफल रहा तो काफी कम हो जाएगी बहनों की कीमत भी। दोस्तों sodium battery बिल्कुल lithium ion battery की तरह काम करती है। अंतर केवल इतना है कि इसमें lithium की जगह sodium का इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर में lithium ion battery की जगह sodium iron battery का इस्तेमाल किया जाता है तो गाड़ियों की कीमत पच्चीस प्रतिशत तक कम की जा सकी है। यानी अगर कोई गाड़ी दस लाख रुपए की थी तो उसका दाम साढ़े सात लाख रुपए तक हो सकता है।
भारतीय वैज्ञानिकों के द्वारा जो technique तैयार की गई है उस technique से sodium iron battery बनाने में bio waste और खेत के कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। यह बात तो आप भी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां पर bio waste की तो कोई कमी है ही नहीं। इस battery को बनाने के लिए धान के पुआल से गोबर,खराब सब्ज़ियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यहाँ पर bio waste को सीधे इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि उसमें sodium compound को मिलाकर उसका इस्तेमाल battery बनाने में किया जाता है। इस battery की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह lithium iron battery की तरह बिल्कुल भी आग नहीं पकड़ती यानी कि भविष्य में sodium iron battery का इस्तेमाल करते हुए जो गाड़ियां तैयार की जाएंगी वे सुरक्षित भी होंगी। अगर भारत इस battery को बनाने में पूरी तरह से कामयाब हो जाता है तो आप अंदाज़ा लगाइए कि sodium iron battery भारत के लिए कितनी खास हो सकती है। दुनिया में ऐसे कितने ही देश होंगे जो भारत की battery को खरीदने के लिए लाईन में लगे होंगे। निश्चित तौर पर भारत energy sector का king वन जाएगा।
दोस्तों, फ़िलहाल के लिए technique अपने शुरूआती stage में ही है और इस पर ज़्यादा research करने की जरूरत है। इनकी energy के द्वारा idea DRDO के सामने रखा गया और first prize के लिए चुना गया।
दोस्तों sodium iron battery का मुख्य फ़ायदा यह है कि यह ज़्यादा community होती है। और बार बार चार्ज और discharge करने के बावजूद भी ऊर्जा की गुणवत्ता को वैसी की वैसी रहती है। इसके अलावा यह battery स्थानीय प्रदूषण को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। क्योंकि electric vehicle और portable device के लिए vehicle pic automatic source के रूप में इस्तेमाल यह हो सकती है।
sodium iron battery का भारत के लिए महत्व
यह बात तो आप भी जानते हैं कि आज हर एक भारतीय प्रदूषण को खत्म करना चाहता है, electric वाहनों की खरीदारी करना चाहता है, लेकिन इसकी महंगी कीमत अब भी रास्ते का रोड़ा है। ग्राहक जागरूक होने के बावजूद भी इसे खरीदने में सोच रहे हैं। Electric cars के निर्माण में सबसे बड़ा खर्च इसकी battery का होता है। जिसका सबसे प्रमुख कारण है lithium का महंगा होना। Sodium battery के आने से न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि इस 0 उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद मिल पाएगी।
तो दोस्तों, वैसे आपको क्या लगता है? क्या आप भी ज़्यादा कीमत होने की वजह से ही electric वाहनों की तरफ move नहीं कर पा रहे हैं। आप अपनी राय हमें comment के माध्यम से ज़रूर बताए।